प्रस्तावना |
- शीघ्र और कुशल ग्राहक सेवा किसी भी संगठन की सफलता की कुंजी बन गई हैं”।
यह विशेष रूप से बैंको पर लागू होता हैं, क्योंकि बैंक एक सेवा संगठन भी हैं आज ग्राहको की मांग अधिक हैं और साथ ही साथ वे अपने अधिकारो के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। अतः यह महत्वपूर्ण हैं कि बैंक के कर्मचारी, बैंक के साथ -साथ बैंकिग उधोग में की गई नई पहलों के बारे में खुद को Updated बनाए रखें और सभी सेवाओं का त्वरित, विनम्र और उपयोगी तरीके से विस्तार करें।
- ग्राहक की संतुष्टि का प्रमुख पहलु पूछताछ एवं प्रतिउत्तर एक अच्छी तरह से किया गया हैं तो वह किसी भी संगठन का एक वफादार ग्राहक बनने के लिए ग्राहक के मानस को परिवर्तित कर सकता हेै। हालांकि ग्राहक की शिकायत का त्वरित निवारण नही होना “असंतोशजनक” का परिणाम होता है तथा बाद में उपभोक्ता अदालत/लोकपाल जैसे उच्च स्तर तक शिकायतों के रूप में मामले दर्ज होते है, जिससे बैंक की प्रतिष्ठा प्रभावित होती हैं।
- प्रत्येक कर्मचारी से अपेक्षा की जाती है कि वह ग्राहक सेवा के तहत ही एक भाग के रूप में ग्राहक की शिकायत को समझने के महत्व को समझे, प्रत्येक प्रश्न या पूछताछ को एक व्यावसायिक अवसर के रूप में देखें और इसे व्यवसाय में बदलने की कोशिश करें, और साथ ही साथ ग्राहक की वफादारी हासिल करें।
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पृष्ठभूमि |
- बैंक को शिकायतों के त्वरित और प्रभावी समाधान के साथ-साथ प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए त्वरित निवारक एवं सुधारात्मक कार्यवाही तंत्र की स्थापना, ग्राहकों के सभी वर्गो को उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए आवष्यक हैं।
- इसे प्राप्त करने के लिए, बैंक के पास ग्राहक शिकायतों के निवारण के लिए स्पष्ट रूप से प्रलेखित नीति होना जरूरी है।
- इस नीति के माध्यम से, बैंक यह सुनिष्चित करेगा कि इस तरह की शिकायतों को निष्पक्ष और शीघ्रता से हल करने के लिए अपने ग्राहको के लिए एक उपयुक्त तंत्र मौजुद है।
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नीति का उद्देष्य |
शिकायत निवारण पर बैंक की नीति निम्नलिखित उद्देष्यों को पूरा करने के लिए तैयार की गयी है।
- यह सुनिष्चित करने के लिए कि ग्राहकों के साथ हर समय उचित व्यवहार किया जाता हैं।
- यह सुनिष्चित करने के लिए कि ग्राहकों द्वारा की गई शिकायतों को विनम्रता और समय पर निपटाया जाए।
- यह सुनिष्चित करने के लिए कि ग्राहकों को बैंक के भीतर उनकी शिकायतों, शिकायतों और वैकल्पिक उपचार के उनके अधिकारीं को बढ़ाने के लिए उनके लिए उपलब्ध रास्ते के बारे में पूरी तरह से सूचित किया जाता हेै, यदि वे अपनी शिकायतों के लिए बैंक की प्रतिक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
- यह सुनिष्चित करने के लिए कि बैंक सभी शिकायतों को कुशलतापूर्वक और निष्पक्ष रूप से व्यवहार करता हैं, क्योंकि अक्षम हैडलिंग बैंक की प्रतिष्ठा और व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- यह सुनिष्चित करने के लिए कि बैंक कर्मचारी ग्राहक के हितों के लिए अच्छे विष्वास के साथ और बिना किसी पूर्वाग्रह के काम करते हैं।
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नीति का प्रभाव |
- इस नीति में ग्राहकों द्वारा बैंक प्रणाली की पेचीदगियों, प्रक्रियाओं, ग्राहक सेवा में अंतराल, सेवा शुल्क आदि के बारे में उठाए गए सभी शिकायतों के समाधान को कवर किया जाएगा। ग्राहको की क्रेडिट जानकारी के आधार पर उठाई गयी शिकायतों के निवारण हेतु तंत्र भी लागू हैं।
- पॉलिसी में दी गई शिकायत निवारण प्रणाली बैंक के कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों के लिए उपलब्ध होगी और बैंक यह सुनिष्चित करेगा कि ग्राहक के मुद्दों को त्वरित और प्रभावी ढंग से हल किया गया हैं।
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वैधता |
यह नीति 2022- 2025 की अवधि के लिए वैध होगी और बाद में बैंक प्रबन्धन कमेटी द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। आरबीआई निर्देशों में परिवर्तन से यदि कोई संशोधन हो, तो बोर्ड की मंजूरी के बाद शामिल किया जाएगा।
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नीति के प्रमुख तत्व |
नीति दस्तावेज में निम्नलिखित पहलू शामिल हैंः
- ग्राहको की शिकायतों/शिकायतों को संभालने के लिए आंतरिक तंत्र
- शिकायतो को संभालने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका
- अनिवार्य प्रदर्शन आवष्यकताएं
- समय सीमा
- ग्राहकों के साथ बातचीत
- परिचालन के कर्मचारियों को शिकायतों से निपटने के लिए प्रशिक्षण
- शिकायतों का पंजीकरण और समाधान
- शिकायत समाधान के लिए सामान्य दिशानिर्देश
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ग्राहक शिकायतों को संभालने के लिए आंतरिक तंत्र |
ग्राहक की शिकायत निवारण के लिए बैंक द्वारा स्थापित आंतरिक तंत्र की रूपरेखा नीचे दी गई हैं
शाखा स्तर
- जैसा कि ग्राहक आम तौर पर शाखाओं के साथ व्यवहार करते हैं, यह माना जाता हैं कि शाखा कार्यालय में शिकायतें दर्ज की जाती हैं। शाखा प्रबंधक इस प्रकार शाखा स्तर पर ग्राहक सेवा के संबंध में शिकायतों का निस्तारण करने के लिए जिम्मेदार होगा। वह शाखा में प्राप्त सभी शिकायतों के संतोशजनक समापन को सुनिष्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा। प्राप्त सभी शिकायतों का एक रजिस्टर रखा जाएगा।
- यदि शाखा प्रबंधक शिकायत को पूरी तरह से हल करने की स्थिति में नहीं है या ग्राहक शाखा प्रबंधक द्वारा दिए गए प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं, तो ग्राहक को मामले की रिपोर्ट करने के लिए वैकल्पिक चैनल उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रकार शाखा प्रबंधक इसके लिए प्रावधान करेगाः
शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए उपयुक्त व्यवस्था।
नोडल अधिकारी का नाम, पता और संपर्क नंबर उपलब्ध कराना।
क्षेत्र के बैंकिंग लोकपाल का संपर्क विवरण उपलब्ध कराना।
- शाखा प्रबंधक निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर शिकायतों को हल करने का प्रयास करेगा। नीति के अनुसार, शाखा स्तर पर शिकायतों को 7 दिनों के भीतर हल किया जाना चाहिए।
- ग्राहक द्वारा की गयी शिकायत के किसी भी मुद्दे पर बैंक को ग्राहक संचार व्यवस्था एक महत्वपूर्ण आवष्यकता हैं, क्योंकि यदि प्राप्त शिकायतों के लिए कुछ समय की आवष्यकता होती है तो इसमें शामिल मुद्दो से ग्राहक को अवगत कराया जाएगा।
- यदि शाखा प्रबन्धक को लगता है कि समस्या को हल करने के लिए उसके स्तर पर कार्यवाही संभव नहीं हैं, तो वह ग्राहक को सलाह के साथ मार्गदर्शन और आवष्यक कार्यवाही के लिए प्रधान कार्यालय को मामले को संदर्भित करेगा।
प्रधान कार्यालय स्तर
- प्रधान कार्यालय में नियुक्त प्रशासनिक अधिकारी द्वारा शाखा से प्राप्त शिकायतों को अथवा सीधे प्रधान कार्यालय में ग्राहक अथवा एकीकृत बैंकिंग लोकपाल से प्राप्त समस्त शिकायतों के मामलो को निर्धारित समय सीमा के भीतर ( इस नीति में बाद में कहा गया है) हल करने का प्रयास किया जायेगा।
- किसी भी शाखा की शिकायत को शिकायत दर्ज होने की तारीख से 20 दिनों के भीतर तथा यदि शिकायत सीधे प्रधान कार्यालय में प्राप्त हुई है तो 10 दिवस में प्रशासनिक अधिकारी द्वारा निपटान किया जायेगा , यदि प्रशासनिक अधिकारी गा्राहक को संतुष्ट करने में असमर्थ हैं, तो ऐसी शिकायतों को ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी को भेजा जायेगा।
ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी
- बैंक के प्रधान कार्यालय स्तर पर संचालक मण्डल बैठक द्वारा गठित उक्त कमेटी में तीन अधिकारी होगें जो बैंक में प्राप्त अनिस्तारित शि कायतों का समाधान कर अपनी रिपोर्ट बैंक की ऋण कमेटी की बैठक में प्रस्तुत करेगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्तरः(नोडल अधिकारी)
- नोडल अधिकारी ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी की अनसुलझी शिकायतों पर विचार करेगा।
- नोडल अधिकारी, ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद, ग्राहक की संतुष्टि के लिए शिकायत को हल करने का प्रयास करेगा। कभी-कभी नोडल अधिकारी समस्या को हल करने का प्रयास करने के लिए ग्राहक के साथ बातचीत भी कर सकता हैं।
- यदि ग्राहक अभी भी संतुष्ट नहीं हैं, तो नोडल अधिकारी उनके मार्गदर्शन के लिए BOD सदस्यों के समक्ष मुद्दे को रखेगा।
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शिकायतों को संभालने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका |
- नोडल अधिकारी ग्राहक सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करेगा एवं ग्राहक सेवा के कार्यान्वयन पर फीड बैक की भी समीक्षा करेगा।
- नोडल अधिकारी यह सुनिष्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा कि बैंक द्वारा ग्राहक सेवा के बारे में सभी विनियामक निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इस हेतु शाखा प्रबंधको से आवष्यक प्रतिक्रिया प्राप्त करेगा।
- नोडल अधिकारी के द्वारा उन सभी ग्राहक शिकायतों का निवारण किया जायेगा जो नहीं सुलझाई जा सकी हैं।
- नोडल अधिकारी नियमित अंतराल (अर्ध/ वार्षिक) पर बोर्ड को उक्त कार्य प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। ग्राहक से शिकायतों की प्राप्ति की तारीख से 30 दिनो से अधिक समय तक शेष सभी शिकायतें नोडल अधिकारी द्वारा बोर्ड / कमेटी को रिपोर्ट की जाएंगी। इसके साथ ही शाखाओं एवं प्रधान कार्यालय स्तर पर प्राप्त सभी शिकायतों का विवरण प्रत्येक BOD की बैठक में पृथक Ajenda के रूप में रखा जाय। यदि अवधि में एक भी शिकायत प्राप्त नही होने पर शून्य रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
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“ मैं आपकी मदद कर सकता हूं ”
- RBI द्वारा लागू ग्राहक सेवा दिशा निर्देशों के तहत बैंक परिसर के भीतर ग्राहकों हेतु लागू प्रभार, केवाईसी दस्तावेजों की सूचि, जमाओ और ऋणो पर लागू ब्याज दरों की जानकारी को प्रदर्शित करना आवष्यक है। तदनुसार, निर्दिष्ट प्रारूप में एक नोटिस बोर्ड सभी शाखाओं में प्रदर्शित किया जाएगा। उक्त व्यापक सूचना बोर्ड में निहित जानकारी निम्नानुसार होगीः
- (क) शिकायतों और सुझावों को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त व्यवस्था -शिकायत रजिस्टर और सुझाव बाॅक्स शाखा में उपलब्ध है।
- (ख) शाखा में नोडल अधिकारी/मुख्य सतर्कता अधिकारी का नाम, पता और संपर्क नंबर प्रदर्शित किया जाना होगा।
- (ग) शाखा में क्षेत्र के बैंकिग लोकपाल का नाम और संपर्क विवरण प्रदर्शित किया जाना होगा।
- (घ) बैंक की वेबसाईट पर निम्न सूचनाओं को प्रदर्शन किया जाना होगा-
- ग्राहक द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करवा सके इस हेतु अलग से शिकायत पोर्टल की व्यवस्था की जानी होगी।
- बैंक द्वारा अपने ग्राहको को प्रदान की जानी वाली सेवाओं के बदले लिये जाने वाले समस्त सेवा शुल्क को प्रदर्शित किया जायेगा।
- एस.एम.एस. द्वारा समय-समय पर खाते की जानकारी दी जायेगी।
- साईबर सुरक्षा हेतु ग्राहको को जागरूक करने के लिए बैंक वेबसाईट पर समय-समय पर सूचना प्रकाशित करनी होगी।
- प्रत्येक शाखाओ को ग्राहक संगोष्ठी प्रति 6 माह में एक बार करनी होगी।
- KYC Updation की सूचना भी प्रदर्शित करनी होगी।
- शाखाओ में विशेष रूप से स्थापित TV Screen पर समस्त जानकारी उपलब्ध करवानी होगी।
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समय सीमा |
बैंक द्वारा हमेशा शिकायतों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए क्योंकि वे अप्रत्यक्ष रूप से बैंक के कामकाज में एक कमजोर स्थान को प्रकट करती हैं। शिकायतों को संभालने हेतु शाखाओं और प्रधान कार्यालय सहित सभी स्तरों पर उन्हें निपटाने के लिए एक समय अनुसूची स्थापित रहेगी। शाखा प्रबंधक शिकायत को निर्धारित समय सीमा के भीतर हल करने का पूर्ण प्रयास करेंगे।
- शाखा स्तर पर प्राप्त शिकायतों को 7 दिनों के भीतर सुलझाने का प्रयास करेगे।
- प्रधान कार्यालय में नियुक्त प्रशासनिक अधिकारी शिकायत की प्राप्ति से 10 दिनों में या तो शाखा से या सीधे ग्राहक से मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
- यदि प्रधान कार्यालय में नियुक्त प्रशासनिक अधिकारी ग्राहक को संतुष्ट करने में असमर्थ है, तो 20 दिनों के भीतर वह ऐसी शिकायतों को ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी को संदर्भित करेगा।
- ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी उक्त सभी अनसुलझी शिकायतों पर विचार करेगा एवं कमेटी सदस्यो के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद ग्राहक की संतुष्टि के लिए शिकायत को हल करने का प्रयास करेंगे। ग्राहक शिकायत निवारण कमेटी प्रमुख ग्राहक के साथ बातचीत करेगा और समस्या को हल करने का प्रयास करेगा। यदि ग्राहक अभी भी संतुष्ट नहीं हैं, तो उक्त शिकायत को नोडल अधिकारी के समक्ष रखेगें।
- ग्राहक से शिकायत प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों से अधिक समय तक शेष सभी शिकायतें नोडल अधिकारी द्वारा बोर्ड को रिपोर्ट की जाएंगी।
- बैंकिंग लोकपाल योजना के अनुसार, यदि ग्राहक की शिकायत को किसी बैंक/शाखा द्वारा ठीक से Attend नहीं किया जाता है या शिकायत बैंक/शाखा द्वारा स्वीकार नहीं की जाती है या शिकायत 30 दिनों के भीतर हल नहीं होती है, तो ग्राहक बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकता है।
किसी व्यक्ति से संबंधित किसी रिकाॅर्ड या सूचना के संशोधन अनुरोध की समीक्षा करने के संबंध में, बैंक इस मामले में तुरंत निर्णय लेगा और अनुरोध प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ऐसे संषोधन हेतु संबंधित क्रेडिट सूचना कंपनी को सूचित करेगा।
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ग्राहको के साथ बातचीत |
- बैंक यह स्वीकार करता है कि बैंक के कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के साथ व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से ग्राहकों की अपेक्षाओं/ आवष्यकताओं/शिकायतों को बेहतर ढंग से हैंडल किया जा सकता है।
- शाखा इंचार्ज द्वारा कम से कम तिमाही में एक बार ग्राहक संगोष्ठी आयोजित कि जावे ताकि ग्राहको को यह संदेश दिया जा सके कि बैंक उनकी देखभाल करता है और सुधार के लिए उनकी प्रतिक्रिया/सुझाव को महत्व देता है।
- ग्राहक संगोष्ठी में बैंक द्वारा ग्राहको को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं/ अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। नोडल अधिकारी शाखा प्रबन्धक के माध्यम से ग्राहकों के साथ संपर्क बनाए रखेगा और शाखाओं में ग्राहको से मुलाकात करेगा। ग्राहक बैठक की कार्यवाही को देखने के लिए एक अलग रजिस्टर रखा जाएगा।
- शाखा में ग्राहक संगोष्ठी की तारीखो को प्रदर्शित करना चाहिए।
- बैंक की सेवाओं के बारे में ग्राहको में जागरूकता की कमी के कारण कई शिकायतें सामने आती हैं और इस तरह की बातचीत से ग्राहको के साथ सरलता पूर्वक बैंकिंग सेवाए प्रदान करने में मदद मिलेगी। इसके फलस्वरूप ग्राहकों से प्राप्त फीड बेक बैंक के लिए मूल्यवान इनपुट होगा।
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शिकायतो से निपटने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षणः |
- बैंक अपने कर्मचारियों को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमो में विशेष रूप से ग्राहक शिकायतों और शिकायतों से निपटने के लिए जो दिशा निर्देश, उपलब्ध है उनसे समझाया जाएगा।
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पंजीकरण और शिकायतों का समाधान |
ग्राहक शिकायतों के पंजीकरण के लिए और ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढा़ने के लिए बैंक के पास विभिन्न स्तरों पर सुनवाई फोरम होंगे।इस दृष्टिकोण के आधार पर ग्राहकों के लिए निम्न मार्ग खुले होगेः
- ग्राहक सेवा केन्द्र/ आईटी हेल्पडेस्कः
ग्राहक समस्याओं के निवारण के लिए टोल फ्री नंबर पर ग्राहक सेवा केन्द्र/ हेल्पडेस्क अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं या शाखाओं/ वेबसाईट पर प्रदर्शित मेल आईडी/ पते पर एक ईमेल पत्र भेज सकते हैं। शिकायत को टेलीफोन पर दर्ज करने पर, ग्राहक सेवा केन्द्र/ आईटी हेल्पडेस्क एक शिकायत संदर्भ संख्या रजिस्टर करेगा।
- शाखाः
ग्राहक अपने मुद्दो के समाधान के लिए शाखा प्रबंधक से बात कर सकते हैं या लिखित में शिकायत कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप में ग्राहक अपनी शिकायतो को शाखा में उपलब्ध शिकायत/ सुझाव पेटिका में छोड़ सकते हैं।
- प्रधान कार्यालय
यदि ग्राहक को लगता है कि किसी समस्या का संतोशजनक समाधान शाखा स्तर पर संभव नहीं है, तो वह सीधे प्रधान कार्यालय को लिख सकता है। प्रधान कार्यालय स्तर पर सुनवाई अधिकारी का मोबाइल नंबर एवं ईमेल पता प्रदर्शित किया जाएगा।
- नोडल अधिकारी (C.E.O)
यदि ग्राहक खुश नहीं है या उसे लगता है कि उसकी शिकायत की शाखा/प्रधान कार्यालय में उचित रूप से सुनवाई नहीं की गयी है, तो वह सीधे नोडल अधिकारी को लिख सकता हैं। नोडल अधिकारी का नाम और पता शाखाओं में प्रदर्शित किया जाएगा।
- बैंक की वेबसाईटः
ग्राहक बैंक की वेबसाईट के होम पेज में “फीडबैक” सेक्षन में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। बैंक I.T. अनुभाग उक्त वेबसाईट में शिकायत प्रपत्र अपलोड करेगा।
- अध्यक्ष का कार्यालय
ग्राहक सीधे बैंक के चेयरमैन को भी लिख सकते हैं। ऐसे मामलों में ग्राहक को जवाब संबंधित शाखाओं/विभागों/सीईओ से चर्चा/उत्तर के बाद भेजा जाएगा।
- ईमेल आईडीः
ग्राहक अपनी शिकायतें बैंक की ग्राहक सेवा आईडी जो बैंक की वेबसाईट पर दर्ज होगी पर मेल कर सकते हैं। यह आईडी सभी कार्य दिवसों पर प्रशासनिक अथवा सम्बन्धित अधिकारी द्वारा जाॅची जाएगी। ऐसे मामलों में ग्राहक को जवाब संबंधित शाखाओं/ क्षेत्रीय कार्यालय/ विभागों से चर्चा के बाद भेजा जाएगा।
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शिकायत समाधान के लिए कुछ सामान्य दिशानिर्देश: |
- ग्राहक को शिकायत की एक पावती दी जाएगी, जिस स्तर पर शिकायत की गई है।
- संबंधित शाखाओं/विभागों से संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करके शिकायत का समाधान किया जाएगा।
- प्रत्येक स्तर पर शिकायत समाधान के लिए निर्दिष्ट समय सीमा का सावधानीपूर्वक पालन करेगा। यदि यह संभव नहीं है तो शिकायत तुरंत अगले स्तर तक बढ़ जाएगी।
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वरिष्ठ प्रबन्धक प्रशासन उक्त पाॅलिसी में सन्दर्भित समस्त निर्देशों की अनुपालना सुनिष्चित करने हेतु जवाबदेही होगें। इसके साथ ही सभी शाखा/प्रबन्धको एवं विभागाध्यक्ष को कार्य अनुपालना हेतु लिखित रूप से अवगत कराकर उनकी जवाबदेही एवं जिम्मेदारी सुनिष्चित की जाय।
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